THE 2-MINUTE RULE FOR BAGLAMUKHI SHABHAR MANTRA

The 2-Minute Rule for baglamukhi shabhar mantra

The 2-Minute Rule for baglamukhi shabhar mantra

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शमशान में अगर प्रयोग करना है तब गुरू मत्रं प्रथम व रकछा मत्रं तथा गूड़सठ विद्या होने पर गूड़सठ क्रम से ही प्रयोग करने पर शत्रू व समस्त शत्रुओं को घोर कष्ट का सामना करना पड़ता है यह प्रयोग शत्रुओं को नष्ट करने वाली प्रक्रिया है यह क्रिया गुरू दिक्षा के पश्चात करें व गुरू क्रम से करने पर ही विशेष फलदायी है साघक को बिना छती पहुँचाये सफल होती है।

If someone really wants to see a Baglamukhi Mantra wonder, they must also discover the method and the strategies to chant the mantra in the correct manner together with the Baglamukhi mantra meaning.

चलत्-कनक-कुण्डलोल्लासित-चारु-गण्ड-स्थलां।

“अयं हरिं बगलामुखी सर्व दुष्टानं वचं मुख पदं स्तम्भया



ऊँ ह्रीं क्लीं (व्यक्ति का नाम) मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा।

पीताम्बर-धरां देवीं द्वि-सहस्त्र-भुजान्विताम । सान्द्र-जिव्हां गदा चास्त्रं, धारयन्तीं शिवां भजे । ।

कल्प- द्रुमाधो हेम-शिलां प्रविलसच्चित्तोल्लसत्-कान्तिम् ।

सुधाब्धौ रत्न-पर्यङ्के, मूले कल्प-तरोस्तथा ।

वास्तव में शाबर-मंत्र अंचलीय-भाषाओं से सम्बद्ध होते हैं, जिनका उद्गम सिद्ध उपासकों से होता है। इन सिद्धों की साधना का प्रभाव ही उनके द्वारा कहे गए शब्दों में शक्ति जाग्रत कर देता है। इन मन्त्रों में न भाषा की शुद्धता होती है और न ही संस्कृत जैसी क्लिष्टता। बल्कि ये तो एक साधक के हृदय की भावना होती है जो उसकी अपनी अंचलीय ग्रामीण भाषा में सहज ही प्रस्फुटित होती है। इसलिए इन मन्त्रों की भाषा-शैली पर विचार करने की आवश्यकता नहीं है। यदि आवश्यकता है तो वह है इनका प्रभाव महसूस करने की।

Rewards: Chanting the shabar Lakshmi mantra with devotion and sincerity is considered to invoke the blessings from the Goddess Lakshmi mantra and appeal to economic prosperity, material abundance, and In general prosperity. It is actually also known as the Shabar mantra for income.

पीताम्बर-धरां सौम्यां, पीत-भूषण-भूषिताम् । स्वर्ण-सिंहासनस्थां च, मूले कल्प-तरोरधः ॥

सर्व-विद्याकर्षिणीं च, सर्व-प्रज्ञापहारिणीम् । भजेऽहं website चास्त्र-बगलां,सर्वाकर्षण-कर्मसु ।।

तत्रं साधना गुरू मार्ग दर्शन में ही करें स्वतः गुरू ना बनें अन्यथा भयानक दुष्परिणामों का सामना करना पड़ता ही है।

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